मिलकर उससे लगता है, जैसे खुद से मिलने लगा हूं। मिलकर उससे लगता है, जैसे खुद से मिलने लगा हूं।
हुआ क्या अब यूँ कि ख़ुशी में हासिल नहीं है वो हुआ क्या अब यूँ कि ख़ुशी में हासिल नहीं है वो
ग़मों को भूलकर जीते रहो ज़िंदगी का सुनहरा सफ़र। ग़मों को भूलकर जीते रहो ज़िंदगी का सुनहरा सफ़र।
ज़ुल्फ़ों में ना उलझाओ, थोड़ा-सा करीब आओ। ज़ुल्फ़ों में ना उलझाओ, थोड़ा-सा करीब आओ।
ये मैं हूँ लगूँ सबको यहाँ कभी पहेली कभी कहानी। ये मैं हूँ लगूँ सबको यहाँ कभी पहेली कभी कहानी।
लौट आओ लौट आओ